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बिहार में 35 लाख मतदाता ‘गायब’! सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में पहुंचा बड़ा चुनावी विवाद

बिहार में 35 लाख मतदाता ‘गायब’! सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में पहुंचा बड़ा चुनावी विवाद

बिहार

पटना/नई दिल्ली:
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ा चुनावी विवाद सामने आया है। चुनाव आयोग की ओर से की गई विशेष पुनरीक्षण प्रक्रिया (Special Intensive Revision – SIR) के दौरान राज्य की मतदाता सूची से लगभग 35 लाख नाम “लापता” पाए गए हैं। इस मुद्दे ने राजनीतिक तापमान को बढ़ा दिया है और अब मामला सुप्रीम कोर्ट की चौखट तक पहुँच चुका है।

 

 क्या है पूरा मामला?

चुनाव आयोग हर राज्य में समय-समय पर मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण करता है ताकि मृतक, स्थानांतरित या डुप्लीकेट नाम हटाए जा सकें। बिहार में यह प्रक्रिया फरवरी 2025 से चल रही थी। लेकिन हाल ही में जब आंकड़े सामने आए, तो पता चला कि करीब 35 लाख मतदाता सूची में से ‘गायब’ हैं — जिनमें से बड़ी संख्या में ग्रामीण और गरीब तबकों के मतदाता बताए जा रहे हैं।

 

 विपक्ष का आरोप: साजिश है!

राज्य के प्रमुख विपक्षी दलों ने इस प्रक्रिया को साजिश करार देते हुए कहा है कि यह एक सुनियोजित प्रयास है जिससे गरीबों, दलितों और अल्पसंख्यकों को चुनाव प्रक्रिया से बाहर किया जा रहा है।

“ये लोकतंत्र पर हमला है। मतदाता सूची से नाम हटाकर सरकार अपने पक्ष में माहौल बना रही है,” — एक विपक्षी नेता ने TVC India से कहा।

 

 चुनाव आयोग की सफाई

चुनाव आयोग ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि यह स्वचालित और तकनीकी आधार पर किया गया पुनरीक्षण है, जिसमें किसी भी वर्ग या समुदाय के खिलाफ भेदभाव नहीं किया गया है। आयोग ने यह भी बताया कि 1 अगस्त से 28 अगस्त तक आम जनता दावे और आपत्तियाँ दर्ज करा सकती है।

 

 सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में मामला

अब यह पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच चुका है। कोर्ट ने चुनाव आयोग से स्पष्ट रिपोर्ट माँगी है और यह सुनिश्चित करने को कहा है कि किसी भी योग्य मतदाता का नाम सूची से न हटे। कोर्ट इस पर विस्तृत सुनवाई अगले सप्ताह करेगी।

 

 अब क्या करें मतदाता?

यदि आपका या आपके परिवार के किसी सदस्य का नाम मतदाता सूची से गायब है, तो आप:

www.nvsp.in पर जाकर नाम चेक करें

फॉर्म 6 के माध्यम से नाम जुड़वाने का अनुरोध करें

स्थानीय BLO (Booth Level Officer) से संपर्क करें

 

 

 ग्राउंड से रिपोर्ट्स और रिएक्शन

समस्तीपुर की 58 वर्षीय रीता देवी कहती हैं,
“मैंने पिछले चार चुनाव में वोट डाला है, लेकिन अब मेरा नाम सूची में नहीं है। क्या मैं अब नागरिक नहीं रही?”

 

 

बिहार में मतदाता सूची का यह विवाद केवल एक राज्य की समस्या नहीं, बल्कि देश में चुनाव पारदर्शिता और नागरिक अधिकारों की बुनियाद से जुड़ा मसला बन चुका है। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी और जनता की सजगता ही इस संकट का समाधान निकाल सकती है।

नाम जोड़ने की विधि

ऑनलाइन आवेदन तरीका (यदि वेबसाइट खुल रही हो)

  1. voters.eci.gov.in → यहाँ ‘Sign‑up’ या ‘New User’ करें।

  2. खाते में लॉगिन के बाद ‘Fill Form 6’ विकल्प चुनें (New voter नामांकन के लिए) dmnortheast.delhi.gov.in+5ClearTax+5ClearTax+5

    1. फॉर्म भरें, दस्तावेज़ अपलोड करें (यदि उपलब्ध हो) → Preview → Submit।
    1. Reference No. मिलेगा → “Track Application Status” के तहत स्टेटस देखें।

ऑफलाइन आवेदन तरीका (link काम न करे)

  1. अपने राज्य के CEO वेबसाइट ज़ांके → ‘Download Form 6’ खोजें।

  2. फॉर्म को भरें, आवश्यक दस्तावेज़ संलग्न करें।

  3. इसे अपने क्षेत्रीय BLO (Booth Level Officer) को जमा करें।

  4. आवेदन स्वीकार होने पर Reference No. मिलेगा → आवेदन की स्थिति ट्रैक करें।

 

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